एनजीटी ने किसी प्रकार का शासनादेश जारी नहीं किया– तो पर्यावरण अभियंता ने अपने लेटर पैड पर लिख दिये भट्टा चलाने के आदे
धीरसिंह
रूडकी -ईट निर्माता कल्याण समिति के अध्यक्ष द्वारा प्रदूषण विभाग को लिखे पत्र में भट्टो की समय सीमा बढ़ाने की मांग की जिस पर पर्यावरण अभियंता पीके जोशी ने बिना किसी शासनादेश के ही अपने अधीनस्थों को आदेश जारी कर दिया और 30 सितंबर 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया है जानकारी होकि उत्तराखंड न्यायालय ने सभी ईंट भट्टो से पूरी तरह प्रदूषण खत्म करने के लिए जिग जैक तकनीकी लगाने का 16 अगस्त 2020 तक आदेश दिए थे लेकिन 28 नवंबर को 2020 को भट्टा समिति अध्यक्ष ने पर्यावरण विभाग को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने समय सीमा बढ़ाने की मांग लेकिन बिना किसी शासनादेश के पर्यावरण अभियंता उत्तराखंड पीके जोशी ने अपने लेटर पैड पर बिना जिग जैक तकनीकी से चलाने के लिए 31 मार्च 2021 तक का आदेश कर दिया दूसरी ओर एनजीटी ने शासन स्तर से भट्टो को राहत देने के लिए किसी प्रकार का शासनादेश जारी नहीं किया अब देखने वाली बात यह है की उत्तराखंड के पर्यावरण मंत्री प्रदुषण फैलाने वाली भट्टो आदि पर क्या कार्रवाई करेंगे