उत्तराखंड में गन्ने का लाभकारी रेट 600 रु कुंतल कराने गन्ना भुगतान व ब्याज दिलाने को लेकर मुक्ति मोर्चा प्रतिनिधिमंडल कैबिनेट गन्ना मंत्री स्वामी यतिशवरानंद से मिला :-भगत सिंह वर्मा
धीरसिं
देहरादून :- कैबिनेट मंत्री के आवास यमुना कॉलोनी में पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा के नेतृत्व में गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर गन्ना मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद से मिला। गन्ना मंत्री को 5 सूत्रीय ज्ञापन देते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के सभी राज्यों में आसानी से नकद गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी रेट 600रु कुंतल दिला सकते हैं गन्ना उत्तराखंड ही नहीं सभी राज्यों व देश की आर्थिक रीढ़ है भगत सिंह वर्मा ने कहा कि गन्ने से सभी प्रदेशों व देश को एक्साइज ड्यूटी के रूप में प्रतिवर्ष हजारों करोड रुपए राजस्व प्राप्त होता है इसके बावजूद भी गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी रेट तो दूर लागत भाव भी नहीं दिया जा रहा है वर्मा ने कहा कि इस बार गन्ने पर 440 रु कुंतल लागत आई है इस हिसाब से महान कृषि वैज्ञानिक हरित क्रांति के जनक डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गन्ने का दाम का रेट 660 रु कुंतल होना चाहिए लेकिन सरकार ने पिछले 4 वर्ष से गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया है और केंद्र सरकार ने मात्र 5 रु गोंडल रेट बढ़ाकर गन्ना किसानों के साथ क्रूर मजाक किया है जबकि गन्ने का एफआरबी केंद्र सरकार को कम से कम लागत मूल्य के हिसाब से 440रु कुंतल करना चाहिए जबकि केंद्र सरकार ने मात्र 290रु कुंतल एमआरपी किया है
जो न उचित है और न ही लाभकारी है राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि वर्ष 1967 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह थे उस समय गन्ने का रेट 12रु कुंतल होता था उसी समय प्राइमरी स्कूल के अध्यापक की नौकरी 70 रु महीना होती थी जो आज 1000 गुना बढ़कर 70000 रु से भी अधिक हो गई है इस हिसाब से गन्ने का रेट 12000 रु कुंतल होना चाहिए लेकिन भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार गन्ना किसानों का शोषण कर रही है और चीनी मिलों से ही गन्ना किसानों को गन्ना भुगतान मिल रहा है और ना ही गन्ना किसानों को चीनी मिलें ब्याज अदा कर रही हैं वर्मा ने कहा कि भारत सरकार के नियम शुगर कंट्रोल ऑर्डर 1966 के अनुसार चीनी मिलों को 14 दिन के अंदर गन्ना किसानों को भुगतान कर देना चाहिए अन्यथा 15% वार्षिक दर से गन्ना किसानों को ब्याज अदा करना चाहिए आज उत्तर प्रदेश उत्तराखंड और देश की चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 20000 करोड़ रु से अधिक ब्याज बकाया है जिसके लिए माननीय हाईकोर्ट मे माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आदेश किए हुए हैं इसके बावजूद भी सरकारी चीनी मिलों से गन्ना किसानों को ब्याज का भुगतान नहीं करा रही है गन्ना किसानों को उसके गन्ने का लाभकारी रेट नहीं मिलने के कारण गन्ना किसानों पर लगातार कर्ज बढ़ता जा रहा है जिसके कारण गन्ना किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। भगत सिंह वर्मा ने माननीय गन्ना मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद से मिलकर उत्तराखंड में गन्ने का लाभकारी रेट 600 रु कुंतल कराने प्रदेश की चीनी मिलों से पिछले वर्ष का गन्ना भुगतान व ब्याज अविलंब दिलाने किसानों के सभी कर्ज माफ कराने किसानों को कृषि कार्य हेतु नि:शुल्क बिजली दिलाने और 300 यूनिट तक किसानों मजदूरों व आम नागरिकों को नि:शुल्क बिजली दिलाने की मांग की। पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा के साथ प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, अनिल पाल सिंह एडवोकेट, प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक चौधरी बालेंद्र सिंह,अरविंद राठी, बबलू प्रधान, रहे।