उत्तराखंड मे मौसम ने फिर बदला मिजाज, 7 जून तक तेज गर्जना के साथ बारिश की संभावन
धीरसिंह
देहरादून :-उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में तेज गर्जना के साथ बारिश होने की संभावना हैं। इसके अलावा राजधानी देहरादून, टिहरी, अल्मोड़ा, नैनीताल जनपदों मे भी कई इलाकों में हल्की बारिश की संभावना मौसम वैज्ञानिकों ने जताई ।मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही नम हवाओं के कम दबाव होने के बाद एक बार फिर राज्य में मौसम का मिजाज बदलने लगा है। दो दिनों तक राज्य के मैदान से लेकर पहाड़ी तक झमाझम बारिश होने के बाद अब एक बार फिर मौसम ने करवट ली है।मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अगले 24 घंटे में राजधानी देहरादून में वैसे तो आसमान साफ रहेगा, लेकिन आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। कुछ स्थानों पर काले घने बादल होने के साथ ही तेज गर्जना के साथ बारिश की संभावना है।दूसरी ओर मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अब जबकि मानसून ने केरल में दस्तक दी है तो उत्तराखंड पहुंचने में कम से कम 15 दिन का समय लगेगा। ऐसे में मानसून के 19 जून तक पहुंचने की संभावना है। बता दें कि इस बार मानसून ने 3 दिन की देरी से केरल में दस्तक दी है,
जबकि पहले मानसून एक जून तक केरल पहुंच जाता था। राज्य सरकार ने नदियों के किनारे बसे लोगों को हटाने की कवायद तेज दी I देहरादून की रिस्पना, छोटी बिंदाल, नालापानी, दुल्हनी जैसी नदियों के किनारे बसे हजारों लोगों को मानसून के दौरान तबाही से बचाने के लिए सिंचाई विभाग ने कवायद तेज कर दी है। अस्थापना खंड अधिशासी अभियंता की ओर से नदियों के किनारे बसे लोगों को जगह खाली करने के नोटिस जारी किए गए हैं।बता दें कि रिस्पना, बिंदाल, नालापानी और दुल्हनी जैसी नदियों के किनारे हजारों की संख्या में लोग अनाधिकृत तरीके से बसे हुए हैं। हर साल मानसून में नदियों में अचानक बाढ़ आने से न सिर्फ इन परिवारों के सदस्यों की जान-माल का नुकसान होने का खतरा रहता है, बल्कि घर गृहस्थी भी बर्बाद हो जाती है।सिंचाई विभाग के साथ ही जिला प्रशासन, नगर निगम के अधिकारियों द्वारा इन बस्तियों को हर साल हटाया जाता है, लेकिन लोग दोबारा इन इलाकों में अपना आशियाना बना लेते हैं। सिंचाई विभाग व स्थापना खंड के अधिशासी अभियंता राजेश लांबा का कहना है कि अगर नोटिस के बावजूद लोग अपना सामान नहीं हटाते हैं तो पुलिस की मदद से कार्रवाई की जाएगी I
