मानव पर्यावरण से है, पर्यावरण मानव से नही
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धीरसिंह
रूडकी- मोo शादाब रुद्रपुर तहसीलदार ने अपने तीन दिवसीय विवाह कार्यक्रम के शुभअवसर युवाओं को नई मुहीम से जुड़ने के लिए अपील की है उन्होंनेअपने निकाह से एक दिन पहले नई पहल की शुरुआत की यादगार बनाने के लिए “हमारी स्मृति और पर्यावरण” मुहिम की शुरुआत करते हुए अपने निवास ग्राम मखियाली खुर्द, लक्सर हरिद्वार में अपनी चौपाल के आँगन में छायादार वृक्षारोपण कर शुरू किया. इस मुहिम का उद्देश्य जनसामान्य में अपने वैवाहिक कार्यक्रमों जैसे निकाह -शादी-अक़ीक़ा-सगाई-इजलास वगैरह एवं अन्य सामाजिक रीति-रिवाज़ों में पर्यावरण की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए फलदार और छायादार वृक्ष लगाने को बाक़ायदा शादी के कार्ड में शादी की रस्म के तौर पर छपवाकर संस्थागत रूप देते हुए यादगार के तौर पर वृक्षारोपण करना चाहिए अपनी परम्पराओं को प्रकृति से जोड़ने की इस मुहिम की प्रेरणा पर्वतीय क्षेत्र में राजकीय सेवा करते हुए महसूस हुई जनसामान्य के अगाध पर्यावरणीय प्रेम और उसके संस्थागत स्वरूप जैसे हरेला पर्व, फूलदेई त्योहार इत्यादि और पैग़ंबर मुहम्मद साहब की उस शिक्षा कि “मानव का अस्तित्व और रस्मों रिवाज़ पर्यावरण से है ना कि पर्यावरण मानव से है. उम्मीद है कि मेरे क्षेत्र के अन्य युवा जो विवाह के बंधन में बंधने जा रहे हैं या निकट भविष्य में इस पवित्र रस्म को अदा करेंगे, वो जरूर अपनी यादों को पर्यावरण से जोड़ने का काम करेंगे I इस शुभ अवसर पर ग्राम प्रधान और वरिष्ठ समाजसेवी मुहम्मद तालिब, एडवोकेट इस्तखार अहमद, प्रधान मंसूर अली, जुल्फिकार अली, राशिद अली, इत्यादि ने ग्राम के सार्वजनिक स्थानों जैसे मदरसा, मस्जिद, कब्रिस्तान इत्यादि पर पेड़ फलदार और छायादार पेड़ लगाते हुए उनकी रक्षा एवं क्षेत्र में पर्यावरणीय जागरुकता की प्रतिज्ञा लेते हुए कार्यक्रम में प्रतिभाग कियाI बुधवार को मोहम्मद शादाब का निकाह कलियर विधायक हाजी फुरकान अहमद कि मरहूम के साथ होगा
