किसान आंदोलन नहीं, यह जन आंदोलन है महापंचायत में जुटी भारी भीड़ आगामी 6 फरवरी को भारत बंद का किया आह्वान- नरेश टिकैत

किसान आंदोलन नहीं, यह जन आंदोलन है महापंचायत में जुटी भारी भीड़ आगामी 6 फरवरी को भारत बंद का किया आह्वान- नरेश टिकैत
धीरसिंह
मंगलौर – मंगलौर गुड मंडी स्थित महापंचायत में सभी किसान संगठन तक हुए एकजुट पंजाब,हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, के हजारों किसानों ने भाग लियाI भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने खुद कमान संभालते हुए किसानों से कहा यह किसान आंदोलन नहीं अब जन आंदोलन बन गया है किसान अपने मान सम्मान को बरकरार रखने के लिए इस आंदोलन को जब तक समाप्त नही किया जाएगा जब तक किसानों के खिलाफ लाए गए तीनों बिलो को केंद्र सरकार वापस नहीं लेती टिकैत ने कहा की बिलो के साथ ही किसानों के खिलाफ जो मुकदमे दर्ज हुए हैं उनको सरकार द्वारा वापस लेना होगा टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा की अन्नदाता अब अपनी लड़ाई को और कड़ाई से लड़ेगा किसान महापंचायत में किसी भी राजनीतिक पार्टी को मंच पर जगह नहीं दी गई I नरेश टिकैत ने कहा कि किसान गांधी के पद चिन्हों पर चलकर आंदोलन को शांति,अहिंसा के साथ अपनी मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ करते रहेंगेI नरेश टिकैत ने कहा कि आगामी 6 फरवरी को भारत बंद के आह्वान पर किसानों को शांतिपूर्ण ढंग से भारत को बंद करने मे अपना पूर्ण सहयोग देंI टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि हम फोन पर बात करेंगे हमारा कहना है कि प्रधानमंत्री जी हमें अपना फोन नंबर दे जिस पर हम बात कर सके लेकिन किसानों के मान सम्मान को ठेस नहीं पहुंचने देंगे सभी किसान संगठन एक मंच पर दिखाई दिए सभी संगठनों के नेताओं ने भारतीय किसान यूनियन में अपनी आस्था व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों की लड़ाई अलग अलग मंच से नहीं लड़ी जाएगी एक मंच पर आकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी बातों को रखने के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी एक प्रश्न के जवाब में नरेश टिकैत ने कहा कि यदि भाजपा विधायक ने अब शब्दों का इस्तेमाल किया है तो वह भाजपा को छोड़कर किसानों के आंदोलन में शामिल हो जाएं किसान उनको माफ कर देगे बुजुर्ग किसानों का कहना है कि इस प्रकार है मोदी सरकार किसानों के खिलाफ काले कानून लाकर अत्याचार करने पर लगे हुए ऐसे कानून अंग्रेजी शासन काल में भी नहीं बने और ना ही किसानों को अंग्रेजों ने इस प्रकार प्रताड़ित किया है लेकिन मोदी सरकार न जाने किस के बहकावे में आकर किसानों के साथ अत्याचार करने पर तुले हुए महापंचायत में मुख्य रूप से हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी जाति व धर्म के किसानों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया किसानों का कहना है कि किसान की कोई जाति और धर्म नहीं है किसान अन्य पैदा करता है और सभी को खिलाता है परंतु केंद्र सरकार ने किसानों को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में भाग ले रहे सैकड़ों किसानों ने किसानों के लिए अपनी जान गवा दी है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता महापंचायत में शहीद हुए किसानों के लिए ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति प्रार्थना की टिकैत ने कहा कि भगवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को सद्बुद्धि दे जिससे वह अन्नदाता के खिलाफ लाए गए काले कानूनों पर विचार कर वापस करें

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