आंगनबाड़ी केंद्र पर एक्सपायरी डेट के सामान वितरित करने की मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायत। भर्तीयो में भी लगाया घोटाले का आरोप।
यूके समाचार 24
12मई 2025
धीर सिंह
भगवानपुर। बाल विकास विभाग द्वारा नवजात बच्चों को कुपोषण से बचने के लिए उनका सामान दिया जाता है जो भगवानपुर क्षेत्र के ग्राम मानकपुर आदमपुर में एक आंगनवाड़ी केंद्र पर नवजात शिशु की माता को एक्सपायरी डेट का सामान दिया गया। आपको बता दे की बाल विकास विभाग में यह पहला मामला नहीं है बच्चों को कुपोषण से बचने के लिए जो खाद्य सामग्री दी जाती है वह ज्यादातर एक्सपायरी डेट की ही मिलती है क्योंकि विभाग की सुपरवाइजर एवं अधिकारी प्रत्येक आंगनबाड़ी के केंद्र का कभी-कभी निरीक्षण करते हैं जिसकी वजह से उन आंगनबाड़ी केदो पर केंद्रित आंगनवाड़ी सामान को अपने घर पर रख रखती है और जब उसका समय निकल जाता है तब उसको लाभार्थी को दिया जाता है हाल ही में बाल विकास विभाग आंगनवाड़ी कार्यकत्री साहयिकों की भर्ती चल रही है लेकिन ऑनलाइन फार्म भरे गए थे लेकिन उनमें भी विभाग के बाल विकास परियोजना अधिकारी अपनी मनमानी के तौर पर अपने चाहतों को भारती करने में लगे हुए हैं सूत्रों के हवाले से पता चला है कि रुड़की ब्लॉक के एक छोटे से गांव में जिसमें 37 परिवार भी नहीं है उस गांव से 37 आवेदन दिखाकर अपने चेहतों की नियुक्ति करने का मामला प्रकाश में है जब इस बारे में बाल विकास परियोजना अधिकारी से जानकारी चाहिए तो उन्होंने कहा कि इस गांव के अंदर 37 फॉर्म आवेदन किए गए हैं उन्ही में से मेरिट के आधार पर सिलेक्शन होगा जब पत्रकार ने गांव में जाकर जानकारी ली तो वहां पर पता लगा कि इस गांव से मात्र तीन फॉर्म भरे गए हैं और उनमें सबसे ज्यादा योग्यता रखने वाली महिला को दरकिनार करते हुए अपने चेहते को नौकरी देने का काम किया गया बाल विकास विभाग प्रदेश और देश मे वह है विभाग है जिसमें लगभग लाखों कर्मचारी मौजूद हैं हालत में काम कर रहे हैं लेकिन विभाग की ओर से वह चाहे ड्रेस का मामला या ट्रेनिंग का मामला बाल विकास विभाग में नीचे से लेकर ऊपर तक घोटाला ही घोटाला है अब देखने वाली बात है कि बाल विकास विभाग मंत्री अपने इस विभाग की किस स्तर से जांच कर पाती है या मुख्यमंत्री की ही जिम्मेदारी है कि पूरे प्रदेश के विभागों को वह ही देख पाए क्योंकि जनता प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक ईमानदार मुख्यमंत्री के रूप में देख रही है लेकिन मंत्री मलाई खाने में लगे हुए । आंगनबाड़ी कार्यकत्री माया देवी ने कहा वह फरवरी में बीमार चल रही थी उसके पश्चात विभाग ने सामान दिया मैंने ध्यान नहीं दिया कि यह एक्सपायर है लेकिन जब इस संबंध में बाल विकास परियोजना अधिकारी भगवनपुर को फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन उठाना उचित नहीं समझा। यह कोई पहला मामला नहीं है कि अधिकारी फोन नहीं उठाते इसके पश्चात बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी हरिद्वार सुलेखा जी से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने भी कौन से संपर्क नहीं किया जनपद हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने भी फोन उठाना उचित नहीं समझा आख़िर जनता किसके पास जाए।