कृषि सुधार बिल किसानों के लिए घातक-मुकेशसैनी
धीरसिंह
कृषि सुधार और किसानों को सशक्त करने का दावा करने वाली भजपा की केंद्र सरकार के तीन बिलों को लेकर किसानों का विरोध थमने का नाम नही ले रहा है वही वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुकेश सैनी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून केंद्र की भाजपा से पहले ही बन चुका था लेकिन ये (msp) न्यूनतम समर्थन मूल्य नही बल्कि अपनी वस्तु जैसे दाल चावल अनाज आदि बेचने की समय अवधि का कानून है उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने में लगे हुए हैं. मोदी सरकार के कृषि-विरोधी ‘काले कानून’ से किसानों को. एपीएमसी/किसान मार्केट खत्म होने पर एमएसपी कैसे मिलेगा एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं? मोदी जी किसानों को पूंजीपतियों का ‘गुलाम’ बना रहे हैं जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा. उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम अपने आप ही खत्म हो जाएगा कोई भी वस्तु स्टोर करने के लिए एक समय सीमा लागू कर दी जाएगी जिससे छोटे-छोटे व्यापारी और किसानों को इसका नुकसान झेलना पड़ेगा और एमएसपी कानून के आने से बड़े बड़े कारपोरेट छोटे-छोटे किसानों व्यापारियों को डंप कर लेंगे उन्होंने कहा किस कानून के आने से आवश्यक वस्तु अधिनियम अपने आप खत्म हो जाएगा उन्होंने कहा एमएचपी कानून को वाराणसी दे दी है कि दूसरा आदमी हमारे वस्तु को तय किए गए मूल्य के आधार पर ही खरीदें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकेश सैनी ने एमएसपी कानून का खुलासा करते हुए उदाहरण देकर बताया कि यदि सरकारी मंडियों में धान के भाव अट्ठारह सौ रुपए प्रति क्विंटल है और मंडी ने उन्हें खरीदने से मना कर दिया तो बाहर ही व्यापारी को भी अट्ठारह सौ रुपए ही खरीदना चाहिए ना कि ₹1000 कुंटल के हिसाब से उन्होंने कहा कम रेट पर खरीदने वाला व्यापारी दंडनीय अपराध की श्रेणी में आना चाहिए
इससे पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान विधेयक के मुद्दे पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि किसान का मोदी सरकार से विश्वास उठ चुका है, क्योंकि शुरू से प्रधानमंत्री मोदी की कथनी और करनी में फर्क रहा है. उऩ्होंने ट्वीट किया था कि नोटबंदी, गलत जीएसटी और डीजल पर भारी टैक्स है. जागृत किसान जानता है कि कृषि बिल से मोदी सरकार अपने मित्रों का व्यापार बढ़ाएगी और किसान की रोजी-रोटी पर वार करेगी.