ऋषि गंगा झील का निरिक्षण कर वापस लौटी एसडीआरएफ टीम ने,दी महत्वपूर्ण जानकारी देहरादून : पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के आदेशानुसार 12 फरवरी को सुबह ही एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस की मॉन्ट्रेनियिंग टीम रेणी गाँव के ऊपर हिमालयी क्षेत्र में बनी झील के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाने पैदल मार्गो से जलभराव क्षेत्र को रवाना हुई थी जहां पूर्व में ग्लेशियर एवं अन्य कारणों से अत्यधिक मात्रा में पानी रुक गया था । जिससे आम जनमानस के बीच भ्रांतियां होने के कारण भय का माहौल बना हुआ था । डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल के दिशा निर्देश पर टीम झील की स्पष्ट स्थिति जानने,और झील के पानी एवं मिट्टी,बर्फ के नमूने लेने के साथ ही फ्लड के पानी के नमूने लेने जल भराव क्षेत्र में पहुँची। 15 घण्टे के लंबे दुर्गम सफर को पार कर टीम रात्रि को झील क्षेत्र में पहुंची, टीम के द्वारा वहां पानी के प्रेशर को कम करने के लिए झील के मुहाने को आइस एक्स के माध्यम से खोला ,तथा वापसी के दौरान टीम के द्वारा बीहड़ एवं ग्लेशियर वाले स्थानों पर रोप, हुक भी बाँध कर छोड़ दी जिससे अन्य आने वाली टीमों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े । एसडीआरएफ की 8 सदस्यीय टीम रुट व झील की सटीक जानकारियों के साथ ही इक्कठा नमूनों के साथ वापस तपोवन पहुँची है यह प्रथम मॉन्ट्रेनियिंग दल है जो पैदल मार्गों से जलभराव क्षेत्र तक पहुंचा है ज्ञातव्य हो कि एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस बल के पास 30 सदस्यीय मॉन्ट्रेनियिंग दल है जिसके 8 सदस्यों के द्वारा एवरेस्ट आरोहण सहित अनेक चर्चित चोटियों को फतह किया गया है।सेनानायक एसडीआरएफ स्वयं भी बेहतरीन पर्वतारोही है जो मिशन एवरेस्ट के डिप्टी लीडर रह चुके हैं । ऋषि गंगा झील का निरिक्षण कर वापस लौटी एसडीआरएफ टीम ने महत्वपूर्ण जानकारी दी I

ऋषि गंगा झील का निरिक्षण कर वापस लौटी एसडीआरएफ टीम ने,दी महत्वपूर्ण जानकारी


देहरादून : पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के आदेशानुसार 12 फरवरी को सुबह ही एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस की मॉन्ट्रेनियिंग टीम रेणी गाँव के ऊपर हिमालयी क्षेत्र में बनी झील के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाने पैदल मार्गो से जलभराव क्षेत्र को रवाना हुई थी जहां पूर्व में ग्लेशियर एवं अन्य कारणों से अत्यधिक मात्रा में पानी रुक गया था । जिससे आम जनमानस के बीच भ्रांतियां होने के कारण भय का माहौल बना हुआ था ।

डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल के दिशा निर्देश पर टीम झील की स्पष्ट स्थिति जानने,और झील के पानी एवं मिट्टी,बर्फ के नमूने लेने के साथ ही फ्लड के पानी के नमूने लेने जल भराव क्षेत्र में पहुँची। 15 घण्टे के लंबे दुर्गम सफर को पार कर टीम रात्रि को झील क्षेत्र में पहुंची, टीम के द्वारा वहां पानी के प्रेशर को कम करने के लिए झील के मुहाने को आइस एक्स के माध्यम से खोला ,तथा वापसी के दौरान टीम के द्वारा बीहड़ एवं ग्लेशियर वाले स्थानों पर रोप, हुक भी बाँध कर छोड़ दी जिससे अन्य आने वाली टीमों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े । एसडीआरएफ की 8 सदस्यीय टीम रुट व झील की सटीक जानकारियों के साथ ही इक्कठा नमूनों के साथ वापस तपोवन पहुँची है यह प्रथम मॉन्ट्रेनियिंग दल है जो पैदल मार्गों से जलभराव क्षेत्र तक पहुंचा है ज्ञातव्य हो कि एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस बल के पास 30 सदस्यीय मॉन्ट्रेनियिंग दल है जिसके 8 सदस्यों के द्वारा एवरेस्ट आरोहण सहित अनेक चर्चित चोटियों को फतह किया गया है।सेनानायक एसडीआरएफ स्वयं भी बेहतरीन पर्वतारोही है जो मिशन एवरेस्ट के डिप्टी लीडर रह चुके हैं ।
ऋषि गंगा झील का निरिक्षण कर वापस लौटी एसडीआरएफ टीम ने महत्वपूर्ण जानकारी दी I

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