जिलाधिकारी हरिद्वार ने जांच के दिए थे निर्देश, लघु सिंचाई खंड ने जांच निर्देशों का नहीं किया पालन

जिलाधिकारी के निर्देशों का पालन न करने पर दूसरा पत्र देकर आमरण अनशन करने पर मजबूर होंगे ग्राम प्रधान और ग्रामीण किसान

यूके समाचार 24

धीर सिंह
12 अप्रैल 2025

झबरेड़ा । ग्राम प्रधान सुल्तानपुर साबतवाली ने लघु सिंचाई खंड हरिद्वार उपखंड रुड़की के अधिशासी अभियंता पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहां एक तरफ उत्तराखंड सरकार अंतिम छोर के गरीब व्यक्ति के लिए योजनाएं चला रही है वहीं लघु सिंचाई खंड हरिद्वार एवं उपखंड रुड़की के माध्यम से सीमांत किसानों को मिलने वाली सामूहिक सिंचाई योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा वाटर प्लांट के तहत गत वर्ष दो ट्यूबवेल अनुसूचित जाति के पट्टेदारों के स्वीकृत किए गए थे। लेकिन विभाग और अभियंता शैलेंद्र चौहान ने समृद्ध किसानों को उस योजना का लाभ देते हुए अन्य स्थानों पर ट्यूबवेल स्वीकृत करा दिए। जबकि सुल्तानपुर साबतवाली गांव के सीमांत किसानों की फसल उगाने में जो दिक्कत हो रही है उसे लेकर विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी लीपा पोती करने पर लगे हुए हैं। 10 अप्रैल को जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह ने लघु सिंचाई खंड हरिद्वार के एक्शन बृजेश गुप्ता को जांच करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन जांच अधिकारियों जांच के नाम पर किसानों को गुमराह करने का काम किया। आपको बताते चले कि पहले 10 अप्रैल को जांच के लिए ग्राम प्रधान को फोन किया गया कि हम जांच के लिए आ रहे हैं। लेकिन कुछ घंटे बाद उन्होंने बहाना बनाया कि ड्राइवर की तबीयत खराब हो गई है अब 11 तारीख में आपके यहां जांच की जाएगी। 11 अप्रैल को भी किसान एकत्रित होकर ग्राम प्रधान के यहां बैठक की लेकिन जब अधिकारियों से फोन पर संपर्क किया गया तो विभाग के सभी अधिकारियों ने अपने फोन स्विच ऑफ कर दिए। जिससे किसानों में विभाग के अधिकारियों के खिलाफ रोष पनपता जा रहा है और विभाग के साथ किसानों का अब आर पार का फैसला होगा। वहीं ग्राम प्रधान श्रवण कुमार चौधरी ने 11 अप्रैल को ही सूचना के अधिकार के तहत कुछ बिंदुओं पर सूचना मांगी है। जिसमें एई ने सूचना मांगने के संबंध में जब ग्राम प्रधान से बोला आप किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध रखते हैं क्या ? जबकि ग्राम प्रधान श्रवण कुमार चौधरी (आरएसएस) का एक वरिष्ठ कार्यकर्ता है। और गरीबों के हक लड़ता है। ग्राम प्रधान श्रवण कुमार चौधरी ने साफ-साफ कह दिया यदि विभागीय अधिकारी प्राथमिकता के तौर पर मिलने वाली योजनाओं को गरीबों तक नहीं पहुंचएंगे तो दूसरी बार जिलाधिकारी के निर्देशों का पालन न करने के बावजूद दूसरा पत्र देकर आमरण अनशन करने पर मजबूर होंगे। जब हमारे संवाददाता ने एक्शन बृजेश कुमार गुप्ता से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया उनका फोन बंद मिला।

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