भाजपा का संविधान एवं लोकतंत्र में विश्वास नहीं, संविधान में सब को चुनाव लड़ने का अधिकार दिया गया है…… निर्दलीय प्रत्याशी नरेश धीमान
uk samachar 24
2 जनवरी 2025
धीर सिंह
भगवानपुर। नगर पंचायत भगवानपुर में एक बार वह खुद प्रधान रहे एक बार उनकी पत्नी ग्राम प्रधान रही जिससे उनको मधुर व्यवहार के कारण उनका वाहन की जनता काफी प्यार करती है जबकि वह35 वर्षों से भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने वाले नरेश धीमान ने भाजपा से टिकट की दावेदारी की थी लेकिन उनका टिकट में होने के कारण उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन किया लेकिन नामांकन करने से पहले ही उन पर नामांकन न करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। भगवानपुर नगर पंचायत से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि कि उन्हें नामांकन करने से शुरू से ही रोका जा रहा था जिसमें भाजपा के कुछ बड़े नेता एवं प्रशासन की अधिकारियों का पूरा दबाव उनको दिया गया जिससे उनका मानसिक उत्पीड़न होने के कारण उनकी बृहस्पतिवार को तबियत बिगड़ गई परिवार जनों ने तबीयत बिगड़ने पर उनको आरोग्यं हॉस्पिटल में भर्ती का जहां पर वह है मौत और जिंदगी से जूझ रहे हैं उनका कहना है कि यदि मेरे साथ कुछ अनहोनी होती है तो भाजपा के उन नेताओं वह प्रशासन के अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी। जो उन्हें फोन कर करके मानसिक उत्पीड़न करने पर उतारू है बृहस्पतिवार को भगवानपुर नगर पंचायत प्रभारी जय भगवान सैनी एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुबोध राकेश भी नरेश धीमान का हाल-चाल जानने के लिए पहुंचे बताया तो यहां तक जा रहा है कि आज नामांकन वापसी का अंतिम दिन था जिस कारण भाजपा के नेता उन पर नामांकन वापसी करने का दबाव बना रहे थे लेकिन उनकी तबीयत अधिक खराब होने के कारण भाजपा नेताओं एवं प्रशासनिक अधिकारियों को कोई सफलता हासिल नहीं हो पाई। और उनको आईसीयू में भर्ती किया गया है उनके पुत्र आशीष धीमान का कहना है। बुधवार की रात्रि लगभग 2बजे उनके पिताजी के पास किसी नेता का फोन आता है और उसे समय उनकी तबीयत खराब हो जाती है घर पर रखी दवाई उनको दी जाती है और फिर सुबह के समय 5बजे फिर फोन आने शुरू हो जाते हैं जिससे उनका दिमाग की टेंशन होने के कारण उनका बीपी हाई हो गया जिससे हॉट जैसी बीमारी दिखाई दी आनन फानन में उनको पास के ही आरोग्यं हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां पर उनका इलाज चल रहा है भाजपा नेताओं की मनमानी के कारण यदि निर्दलीय प्रत्याशी की जान जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। जबकि चुनाव तो होते रहते हैं ऐसा नहीं है कि अपने पार्टी के कर्मठ एवं समर्पित कार्यकर्ता को टिकट न देकर अन्य कार्यकर्ता को टिकट दे दिया जाता है तो कहीं ना कहीं उनके मन में टीस तो जरूर पहुंचती है। अब देखना होगा की भगवानपुर नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए नगर पंचायत क्षेत्र की जनता किसको अपना मत देकर विजय बनाने का काम करती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।