पवित्र नवरात्रि 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक चलेंगे 12 अक्टूबर को विजयदशमी होगी…. आचार्य रमेश

पवित्र नवरात्रि 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक चलेंगे 12 अक्टूबर को विजयदशमी होगी…. आचार्य रमेश

यूके समाचार 24

रुड़की।आचार्य रमेश सेमवाल ने बताया कि नवरात्रि का पावन पर्व आज तीन अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है जो ग्यारह अक्टूबर तक चलेंगे।आगामी बारह अक्टूबर को विजयदशमी दशहरे का पावन पर्व है।इस बार मां पालकी पर सवार होकर आ रही है,जो अच्छा नहीं है।मां का प्रस्थान का वाहन चरणा युद्ध यानी मुर्गा पर सवार होकर वापस जाएंगी,जो अच्छा नहीं है।विश्व में उत्तर-पुथल होगी,बीमारियां और संकट बढ़ेंगे।आचार्य रमेश महाराज जी ने कहा कि नवरात्रि घट स्थापना का मुहूर्त प्रातः 6:16 से 8:36 तक है।अभिजीत मुहूर्त 11:45 से 12:29 तक है,जो बहुत अच्छा योग है।इस बार नवरात्रि में सर्वार्थ सिद्धि योग,इंद्रयोग,प्रतियोग,आयुष्मान योग,आनंद योग,मानस योग,ध्वज योग,शोभन योग पड रहे हैं,जो बहुत शुभ हैं। उन्होंने कहा बताया कि नवरात्रि का व्रत करने से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है।नवमी के दिन कन्याओं का विशेष पूजन करना चाहिए।शुद्ध रहकर व्रत करने चाहिए।सात्विक भोजन करना चाहिए।आचार्य रमेश सेमवाल जी महाराज ने कहा कि अश्विन शुक्ल पक्ष के नवरात्रि का विशेष महत्व है।श्रीराम ने भी नवरात्रि व्रत नारद जी के कहने पर किया।शक्ति पूजा से ही रावण का अंत हुआ।नारद जी ने भगवान श्रीराम को रावण के नाश का उपाय बताया।भगवती पूजन समस्त सिद्धियों को प्रदान करने वाला है।देवी का पवित्र पूजन दशांश हवन करके आप पूर्ण शक्तिशाली बन जाएंगे।पूर्व काल में भगवान विष्णु,शिव,ब्रह्मा तथा स्वर्ग लोक में विराजमान इंद्र ने भी मां जगदम्बा शक्ति का अनुष्ठान किया था।सुखी मनुष्यों को इस अनुष्ठान को करना चाहिए।कष्ट में पड़े हुए मनुष्य को तो व्रत विशेष रूप से करने चाहिए।विश्वमित्र,भिर्गु वशिष्ठ और कश्यप ऋषि भी इस व्रत को कर चुके हैं।बृहस्पति ने भी भगवती का नवरात्रि अनुष्ठान किया।रावण के वध सीता की प्राप्ति के लिए भगवान श्रीराम ने इस व्रत को किया था।इंद्र राक्षसों नाश के लिए तथा शिव जी ने त्रिपुरासुर दैत्य के बध के लिए सर्वश्रेष्ठ अनुष्ठान किया था।भगवान विष्णु ने भी मधुसूदन दैत्य के नाश के लिए सुमेरु पर्वत पर यह व्रत किया था।भगवान श्रीराम ने किष्किंधा पर्वत पर पूरे व्रत अनुष्ठान किया।नवरात्रि अनुष्ठान किया।अष्टमी की रात्रि को मां जगत जननी जगदंबा प्रसन्न हो गई।भगवान श्रीराम को दर्शन दे आशीर्वाद दिया।शक्ति से ही भगवान श्रीराम ने शक्ति आराधना से ही रावण का अंत किया।राधा जी रुक्मणी जी ने भी नवरात्रि का विशेष अनुष्ठान कर मां दुर्गा को प्रसन्न किया,इसलिए हमें भी नवरात्रि व्रत मन,वचन,कर्म से शुद्ध होकर करने चाहिए,जिससे शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *